मेरी जीवन गाथा 

मेरा नाम बलबीर सिंह जाखड़ है । मै मूलत: हरियाणा का रहने वाला हूँ हरियाणा के जिला महेंद्र गड के छोटे से गाँव नांगल हरनाथ मे मेरा जन्म हुवा । मेरी प्राथमिक शिक्षा गाव के स्कूल मी हुई । सिक्स्थ क्लास की शिक्षा के लिए सरकारी स्कूल बवानिया जो गाँव से 5 किलोमीटर था पैदल जाना पड़ता था जब मै 7 थ कक्षा मे आया मेरे पिताजी की तबीयत खराब हो गई और वो लगातार 14 साल तक चारपाई मे रहे । इलाज मे हमारा सबकुछ बिक गया माताजी अनपढ़ थी गाव मे कोई कमाई साधन नहीं था । मेरी मा और मैंने मिलकर सब्जी बेचने का काम शुरू किया । सिर पर सब्जी की टोकरी रख कर घर घर जा कर सब्जी बेचनी पड़ती थी । मैंने स्कूल नहीं छोड़ा पढ़ाई जारी राखी । मैने मटिकुलेसन (दसवी ) पास की । में बहुत कम स्कूल जा पता था । स्कूल के मास्टर मेरी घर की हालत जानते थे । वो ऐसे ही हाजरी लगा देते थे । मैंने भी उनको निराश नहीं किया बोर्ड मे अच्छे नंबरों से पास हुआ । ये सं 1971 की बात है । परंतु आगे की पदाई के लिए फीस के पैसे नहीं थे । कोई नौकरी नहीं मिली 6 साल तक मै नौकरी की तलाश मे रहा जगह जगाह शहर शाहर मजदूरी की ,cheja bhata का काम किया .1977 में मुझे मेडिकल हेल्थ मे जयपुर राजस्थान मे फील्ड superviser  की नौकरी मिली । मेरी पढ़ाई की ichhaa  मन मे दाबी हुई थी ,मैंने intermidiate भोपाल बोर्ड से praivate की ,मैंने सर्विस मे रहते राजस्थान यूनिवर्सिटी सेba किया और बैंक का कॉमपीटिसन पास किया और क्लर्क की सर्विस ले ली । बैंक मे आने के बाद मैंने यम ये लोक प्रक्षाशन मे प्राइवेट किया और प्रमोसन  लिए । मैनेजर की पोस्ट से मैं 2014 जनवरी मे ritierment लिया रेटीरमेन्ट के पैसे से मैंने खेती की जमीन ली वोही जमीन जो पिताजी की बीमारी मे बेचनी पड़ी थी काश ये सब देखने लिए पिताजी जींद होते । मैंने मा के नाम जमीन लेकर मा को उपहार दिया मैंने कुछ समए खेती बादी की ,फिर मैंने आदित्य बिरला इन्श्योरेन्स कंपनी के ऐड्वाइज़र बन गया । मैं नेटवर्क मार्केटिंग भी करता हूँ । मैंने यूट्यूब पर डिजिटल आजडी की सर्च मे गया और मैंने तुरंत ही जवाईंन की जो मै बहुत interest ले कर सीख रहा हु,कुछ प्रॉब्लेम तो आया रही है क्योंकि उम्र का तगजा है जल्दी थकान आया जाती है परंतु सर hamare गुरु ने इतना mindset कर दिया की आधा घंटा रेस्ट करके फिर इसी में लग जाता हूँ मुझे सीखने का शोक है पचपन से ही अब वो पूरा कर रहा हूँ मुझे रुपए पैसे की कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि मुझे 60000 रुपये पेंशन मिलटू है । मेरा कोई खर्च नहीं है मै साधारण तरीके से राहत हूँ । मेरे खाने चपाती हरी सब्जी एक फल होता है मै चाय नहीं पिता डेयरी का कोई भी समान नहीं लेता नई किसी तरह की मिर्ची नहीं खाता हूँ शराब और मीट का तो मुझे टेस्ट नहीं पता है क्या होता है । बिल्कुल साधारण । मेरे दो बेटे है बड़ा बीटा कृषि अधिकारी है हरियाया सरकार में छोटा betaa बैंक ऑफ बडोडा मे मैनेजर है एक पुत्र वधू सीनियर टीचर है गोरमेंट राजस्थान मे , एक मेरी बिटिया है जो एक डॉक्टर से शादी की है उनका खुद का अस्पताल है भगवान की सीधी निगाह है । सब तरफ खुशी है मैं डिजिटल मार्केटिंग सिख के मानवता की सेवा करना चाहता हूँ मै 70 साल का होने वाला हूँ ,हमारे गुरु मेन्टर बहुत ही सुलझे हुए इंसान है । भगवान इनकी सभी ichhayen पूरी करे मै भगवान से यही प्रार्थना करता हूँ ।  जयहिंद । 

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